Tuesday, March 27, 2012

earth





इतनी बड़ी धरती हमारी


और छोटे से हम



मानव, मींन. पशु, और पतिंगे

लाखो जीवों का यह घर;

धरती पर, धरती के नीचे,

कुछ रहते धरती की उपर,

सब मे जीवन, सब है बराबर,

नही है कोई कम


इतने बड़ी धरती हमारी

और छोटे से हम




रंग-बिरंगे, पर, पकांगे,

माघ, गगन पंछी मंडराते;

दाने दो ही चुगते लकिन

मीठे, लंबे गीत सुनते;

डगमग चलते, नाचा करते

खुश रहते हेर दम


इतनी बड़ी धरती हुमारी

और छोटे से हम




कई, घास, पौधे नन्हे,

जीवन रक्षक वृक्ष हुमारे;

रोटी. दल, सब्ज़ी, फल

आनोंदो के श्रोत हुमारे;

जब तक भूमि हरी रहेगी

स्वस्थ रहेंगे हम


इतने बरी धरती हुमारी

और छोटे से हम






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