थारी साली छां | शब्दार्थ |
ईसर जी तो पेचो बान्ध गोरांबाई पेंच संवार ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | ईसर: ईश्वर, शिवजी; पेचो: पगड़ी गोरांबाई: गौरी; पेंच: पगड़ी के घुमाव म्हें: मैं (हम लोग); थारी: आपकी; छां: हैं |
साली छां मतवारी ओ राज भंवर पटां पर वारी ओ राज केसर की सी क्यारी ओ राज लूंगा की सी बाड़ी ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | भंवर पटां पर वारी: शिव के बाल पर फिदा लौंग का बगीचा |
ईसर जी तो मोती पैर गोरांबाई गर्दन सवांर ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | |
ईसर जी तो बींटी पैर गोरांबाई आंगली सवांर ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | बींटी: अंगूठी |
ईसर जी तो बागो पैर गोरांबाई कली सवांर ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | बागो: अंगरखा |
ईसर जी तो मोचा पैर गोरांबाई चाल सवांर ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां | मोचा: मोजा |
साली छां मतवारी ओ राज भंवर पटा पर वारी ओ राज केसर की सी क्यारी ओ राज लूंगां की सी बाड़ी ओ राज माय बहन स प्यारी ओ राज चावां लूंग सुपारी ओ राज म्हें ईसर थारी साली छां |

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